मातृ दिवस की ....
बहुत बड़ी बड़ी बधाईयाँ सभी दीवारों पे.... आज शोभा बढ़ा रही हैं......बहुत अच्छा है....मातृ शक्ति को पूजिए ...अभिवादन कीजिये....!!
लेकिन मेरे भाई आपसे ..और समाज के ठेकेदारों से एक विनती है ..इन आंकड़ों को देखिये और खुद से पूछिए माँ है कौन...? वो जिसने हमें जन्म दिया ...?? या वो जो सबको जनम देती है...?
सब रंगीन पोस्टर लगा के जय हो ....और गुणगान कर रहे हैं....लेकिन यह भी सोचा जाये कि माँ ने अपने निर्माण में कितनी वेदना उठाती है.....आपका हमारा निर्माण तो वो मुस्कुराते हुए करा करती है..कोख को सहला के ..मुस्कुराती है....
वो शक्ति, सहिष्णुता, सहृदयता, सरलता, सर्वग्राह्यता, सुन्दरता, सेवापरायनता, सचेतना, शुचि, शुभंकरी, शोभा है संसार की .......
पर......... २१वी सदी में भी माँ और माँ की बुनियाद से जुडे कुछ कटु सत्य...
पर......... २१वी सदी में भी माँ और माँ की बुनियाद से जुडे कुछ कटु सत्य...
* हर २४ मिनट में एक लड़की के साथ छेड़-छाड़.....!!!!
* हर ३२ मिनट में किसी महिला बलात्कार की शिकार......!!!!
* हर ४1 मिनट में घर, कार्यालय, विद्यालय या अन्य किसी स्थान पर यौन-उत्पीडन.....!!!
* हर ९0 मिनट पर दहेज़ के लिए जला दी जाती है या मार दी जाती है....!!!
* हर ३ महिला में से १ महिला आज भी निरक्षर....!!!
* हर १० महिला में से कार्य सिर्फ ३ महिला को .....!!!
* विश्व स्तर पर बेरोजगारी की दर ६.९ जबकि पुरुषो की ४.३ ....!!!
* कन्या भ्रूण हत्या का प्रतिशत बढ़ते जा रहा है...!!!!
* हर ३२ मिनट में किसी महिला बलात्कार की शिकार......!!!!
* हर ४1 मिनट में घर, कार्यालय, विद्यालय या अन्य किसी स्थान पर यौन-उत्पीडन.....!!!
* हर ९0 मिनट पर दहेज़ के लिए जला दी जाती है या मार दी जाती है....!!!
* हर ३ महिला में से १ महिला आज भी निरक्षर....!!!
* हर १० महिला में से कार्य सिर्फ ३ महिला को .....!!!
* विश्व स्तर पर बेरोजगारी की दर ६.९ जबकि पुरुषो की ४.३ ....!!!
* कन्या भ्रूण हत्या का प्रतिशत बढ़ते जा रहा है...!!!!
ये
कौन है .....???.....इसमें किसी को माँ नहीं दिखती....??????
....उसकी उड़ान के पंख हजार,....उसकी मुट्ठी में आसमान,...... उस पर पर गर्व करने के कई अवसर...
.......निराशाओ के बावजूद एक आशा ..(जी हाँ ......""आशा,""............ शब्द ही स्र्त्रिलिंग है...)
उसके हौसले.. !!!!!
....उसकी उड़ान के पंख हजार,....उसकी मुट्ठी में आसमान,...... उस पर पर गर्व करने के कई अवसर...
.......निराशाओ के बावजूद एक आशा ..(जी हाँ ......""आशा,""............ शब्द ही स्र्त्रिलिंग है...)
उसके हौसले.. !!!!!
मातृ दिवस की बधाइयाँ
...धन्यवाद्....!!!
....कौन पूछेगा हवाओं से सन्नाटों का सबब ?
शहर तो यू हीं हर रोज मरा करते हैं ,
कभी दीवारों मैं कान लगा कर तो सुनो
कलम के हाथ भी स्याही से डरा करते हैं......!!!!
बिलकुल सही कहा आनंद जी..... लोग एक दिन के लिए तो mother's day मना लेते है पर ये नहीं सोचते की हर माँ को कितनी यातनाये सहनी पड़ती है.. हर एक मिनट ...वो भी उन्ही की वजह से ... जिन्हें माँ जन्म देती है..माँ सिर्फ जन्म देने वाली नहीं होती..
ReplyDeleteलोगो को अपनी सोच बदलनी होगी...जिस दिन सभी की सोच महिलाओ के प्रति बदल जाएगी... तो उस दिन हम अपनी माँ का सच्चा सम्मान कर पायेगे ..