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...आपको मेरा नमस्कार...!! मुझे कौन जानता है.......? यह अधिक महत्वपूर्ण है बजाए इस के कि मैं किसे जानता हूँ ? मै..सकलानी....!!!..आनंद सकलानी....!!!! पहाड़ो की पैदाइश, हिंदुस्तान के चार मशहूर शहरों शिक्षा के नाम पर टाइमपास करने के बाद अब कुछ वर्षों से अच्छी कंपनी का लापरवाह कर्मचारी ..! राजनीति करना चाहता था, पर मेरे आदर्श और सिद्धांत मुझे सबसे मूल्यवान लगते हैं, और मैं इनके साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं कर सकता हूँ, गलत को सही दिशा का भान कराना मेरी मजबूरी है , वह बात और है कि मानने वाला उसको माने या न माने...!!!..खैर दोस्तों....!! जिंदगी का क्या है.....?सपने तो दिखाती है मगर ...बहुत गरीब होती है....!!

Saturday, March 9, 2013

महाशिवरात्रि ..की मंगल कामनाएं ....!!!

हिन्दू धर्म में भगवान शिव की होने वाली तरह-तरह की खास पूजा पंरपराओं में पंचामृत पूजा की बड़ी अहमियत है। पंचामृत पूजा में पांच चीजों, जिनको धार्मिक नजरिए से अमृत की तरह माना जाता है, से भगवान शिव को स्नान कराया जाता है।
ये पांच चीजें हैं - दूध, दही, घी, शक्कर और शहद। पंचामृत स्नान के बाद अन्य पूजन सामग्रियों या उपायों से भगवान शिव की पूजा की जाती है। मान्यता है कि पंचामृत स्नान व पूजा से प्रसन्न शिव, भक्त का जीवन तमाम सुखों और ऐश्वर्य से भर देते हैं। जीवन से भय, दु:ख और कई तरह की बाधाएं दूर होती हैं।
खासतौर पर आज से सोमवार तक शिव भक्ति के 2 अचूक योग बन रहे हैं। इनमें आज शनि प्रदोष है तो कल यानी 10 को महाशिवरात्रि और 11 को सोमवार के साथ अमावस्या यानी सोमवती अमावस्या है। इन शुभ योगों के लिए जानिए भगवान शिव की पंचामृत पूजा का वह सरल तरीका व मंत्र, जो घर पर भी अपनाना खुशकिस्मत व खुशहाल करने वाला उपाय माना गया है -
- शिवरात्रि को सवेरे जल्दी उठकर नहाकर यथासंभव साफ सफेद वस्त्र पहनें।
- पंचामृत पूजा के लिए अन्य पूजन सामग्रियों, जिनमें गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप शामिल हैं, के साथ पंचामृत स्नान व पूजा की विशेष सामग्रियां - दूध, दही, घी, शक्कर और शहद साथ रखें।


 सबसे पहले शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए यह मंत्र बोलें -
मन्दाकिन्याः समानीतै कर्पूरागुरुवासितै|
स्नानं कुर्वन्तु देवेशा जलैरेभि: सुगन्धिभिः||



जलस्नान के बाद शिवलिंग को दूध से स्नान कराएं। फिर से जल से स्नान कराएं। यह मंत्र बोलें -
कामधेनुसमुद्भूतं सर्वेषां जीवनं परम्|
पावनं यज्ञहेतुश्च पय: स्नानार्थमर्पितम्||



दही स्नान के बाद घी स्नान कराएं। इसके बाद जल से स्नान कराएं। यह मंत्र बोलें -

नवनीत समुत्पन्नं सर्वसंतोषकारकम्|
घृतं तुभ्यं प्रदास्यामि स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्||



घी या घृत स्नान के बाद मधु यानी शहद से स्नान कराएं। शहद से स्नान कराकर जल से स्नान कराएं। यह मंत्र बोलें -
तरुपुष्पसमुद्भूतं सुस्वादु मधुरं मधु|
तेज: पुष्टिकरं दिव्यं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्||



शहद स्नान के बाद शर्करा या शक्कर से स्नान कराया जाता है। इसके बाद जल स्नान कराएं। यह मंत्र बोलें - इक्षुसारसमुद्भुता शर्करापुष्टिकारिका |
मलापहारिका दिव्या स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्||



आखिर में सभी पांच चीजों को मिलाकर पंचामृत बनाकर स्नान कराएं। मंत्र बोलें-
पयो दधि घृतं चैव मधु च शर्करान्वितम्|
पञ्चामृतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वर||
- पंचामृत स्नान के बाद शुद्धजल से स्नान कराएं।
- यह पूजन स्वयं करें या पूजन का श्रेष्ठ तरीका यह होगा कि किसी विद्वान ब्राह्मण से यह कर्म कराएं।
- पंचामृत पूजा के बाद गंध, चंदन, अक्षत, पुष्प और बिल्वपत्र चढ़ावें।
- इसके बाद धूप, दीप और नैवेद्य भगवान शिव को अर्पित करें।
- अंत में पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांग और अपनी कामनाओं के लिए शिव से प्रार्थना करें।
- ब्राह्मण से पूजा कर्म कराने पर दान-दक्षिणा जरूर भेंट करें, तभी पूजा पूर्ण मानी जाती है।
क्रमश:....