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...आपको मेरा नमस्कार...!! मुझे कौन जानता है.......? यह अधिक महत्वपूर्ण है बजाए इस के कि मैं किसे जानता हूँ ? मै..सकलानी....!!!..आनंद सकलानी....!!!! पहाड़ो की पैदाइश, हिंदुस्तान के चार मशहूर शहरों शिक्षा के नाम पर टाइमपास करने के बाद अब कुछ वर्षों से अच्छी कंपनी का लापरवाह कर्मचारी ..! राजनीति करना चाहता था, पर मेरे आदर्श और सिद्धांत मुझे सबसे मूल्यवान लगते हैं, और मैं इनके साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं कर सकता हूँ, गलत को सही दिशा का भान कराना मेरी मजबूरी है , वह बात और है कि मानने वाला उसको माने या न माने...!!!..खैर दोस्तों....!! जिंदगी का क्या है.....?सपने तो दिखाती है मगर ...बहुत गरीब होती है....!!

Monday, March 5, 2012

"कानून को नचाती राजनीति "

उत्तराखंड में चुनाव के  नतीजे कल घोषित हो जायेंगे.....किसी की सरकार बने या गर्त में जाये.... मुझे कोई मतलब नहीं ....!!!
मेरा देश मेरा.... गाँव हमेशा ....भाईचारे और सदभाव से आगे बढ़ा है....किसी सरकार  या एक आदमी के  रहमो-करम से नहीं....सच पूछिए..तो मुझे सिर्फ...एक अभिलाषा है....और साथियों... अभिलाषा ये है की मै एक अर्धविक्षिप्त माँ और एक झुकी हुई कमर के वृद्ध बाप की आँखों में सूकून तलाश रहा हूँ..जो उनकी बेटी के हयारो को सजा मिलने पे दिखेगा.... .बिगत एक साल से....जब से देहरा दून में दोबारा आया हूँ...!! मेरे पड़ोस   की कालोनी है ..आकशदीप ..और मित्रलोक... को जोड़ने वाला बीच का हिस्सा सुमन नगर भाग-२ कहलाता है....वहा पे नोटियाल जी का मकान है...ठीक २ साल पहले मै तब गुजरात के कच्छ ..नामक क्षेत्र में कांडला सी पोर्ट पे था...हिंदुस्तान यूनिलीवर के एक्सपोर्ट डिविज़न में ....वही पे केबल टीवी के जरिये ये खबर देखी थी.....तो हक्का बक्का रहा गया था.... !!!
नौटियाल जी की सबसे छोटी बेटी ..जो की धामावाला में किसी ऑफिस में काम करती थी...उसकी लाश ..राजपुर रोड पे किसी बड़े पोलिस अधिकारी के आवास के पास बोरे में बंद पाई गई....!!उसके गायब होने के  १६ घंटे के अन्दर लाश मिली...लाश को वहा छोड़ने वाला लड़का भी पकड़ा गया...वो कोई जौनसारी था.....कुछ दिन हवालात में रहने के बाद वो लड़का भी छूट गया...मामला प्रेम सम्बन्ध का भी नहीं था....पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट में भी ऐसा कुछ नहीं था की जो कोई बात निर्धारित होती.... इतना जरुर पता चला की वो लड़की उस दिन ऑफिस नहीं जाना चाहती थी....!!!
एक बात और है की उसका कार्यालय का मालिक बहुत बड़ा आदमी था....जिसका राजनीती में बहुत पहुच है                  
..और हाँ ...यह बात अचानक मेरे लेख का विषय इसलिए बन गई क्यूंकि आज मै  "चटनी मेर्री " होटल में गया लंच पे तो वहा अपनी उम्र के एक पोलिस अधिकारी से जानपहचान हो गई....मेरे मन में वो बात कचोट रही थी तो मै पूछ बिता..की मेरे मोहल्ले का एक  जघन्य केश पोलिस फ़ाइल में दब गया...उसने एक ठंडी आह ली और कहा ...भाई वो केस सुलझा हुआ है....बस कोंग्रेस की सरकार आ जाये ....सब साले अन्दर हो जायेंगे....
मै बोला कैसे...? तो कहने लगा की ...राजनीती की भेंट चढ़ गया वो केस ...मुजरिमों के सर  पे ....वर्तमान सरकार का हाथ है....
..अगर  ऐसा हो जाये तो काश....  कांग्रेस आ जाये....!!!
मगर  मुझे ये भी पता है .....कि...कोंग्रेस के आने के बाद भी ऐसे हादसे होंगे ...और लोग भाजपा का इन्तेजार करेंगे.......लोग उम्मीदों पे जी रहे है ..जिंदगी ऐसे ही कट रही है....!!!
 ..........ह्म्म्म ...पड़ोस  कि आंटी बता रही थी कि जिस दिन...हम ..पोलिश दफ्तर गए थे....वहा पे ..छवानी सी बना राखी थी...जैसे  आतंकवादी आने वाले है.....
आप ही बताओ दोस्तों ...आतंक कौन फैला रहा है पब्लिक पे....?????
भगवान उस दिवंगत आत्मा को शांति दे.....!!!..