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...आपको मेरा नमस्कार...!! मुझे कौन जानता है.......? यह अधिक महत्वपूर्ण है बजाए इस के कि मैं किसे जानता हूँ ? मै..सकलानी....!!!..आनंद सकलानी....!!!! पहाड़ो की पैदाइश, हिंदुस्तान के चार मशहूर शहरों शिक्षा के नाम पर टाइमपास करने के बाद अब कुछ वर्षों से अच्छी कंपनी का लापरवाह कर्मचारी ..! राजनीति करना चाहता था, पर मेरे आदर्श और सिद्धांत मुझे सबसे मूल्यवान लगते हैं, और मैं इनके साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं कर सकता हूँ, गलत को सही दिशा का भान कराना मेरी मजबूरी है , वह बात और है कि मानने वाला उसको माने या न माने...!!!..खैर दोस्तों....!! जिंदगी का क्या है.....?सपने तो दिखाती है मगर ...बहुत गरीब होती है....!!

Saturday, May 28, 2011

ॐ आदित्याय नमः:...!!!

आपको मेरा नमस्कार...!!!...
मित्रो आज रविवार है..सभी का छुट्टी का दिन...जीन में दुःख क्लेश संताप, प्रगति की मारामारी के बीच थोडा हल्की फुल्की सुबह...!!!..इन्ही अवसादो और सन्तापो के बीच आपका जीवन सरल ,शांत और खुशनुमा बनाने के लिए...मेरे कुल पुरोहित के दिए हुए कुछ अचूक नुख्से....
..आप जानते है पृथ्वी पर साक्षात् देव कौन है...??? आज रविवार है सूर्य भगवान का दिन..!!!जो व्यक्ति सूर्यदेव की उपासना करता है उन्हें भगवान का अनुग्रह शीघ्र प्राप्त होता है..और सूर्यदेव का अनुग्रह प्राप्त होते ही अनायास ही जन्म जन्मान्तर की दरिद्रता का अंत हो जाता है  प्राकृतिक  रूप से ही देह स्वस्थ होकर देहसुख भी प्राप्त होता है सूर्यदेव की उपासना करने से प्रभाव शीग्र दृष्टि गोचर  होते है.....रोग शोक दुःख दरिद्र का अंत हो जाता है...!!
...तो साथियों  रविवार को सूर्योदय से पहले उठकर नहाधोकर तांबे के लोटे में जल भर के उदय हो रहे सूर्य को अर्ध्य की भांति जल प्रदान करें...
यह मंत्र  का उच्चारण करें... 
"एहि सूर्यम सहास्राशो तेजोराशि जगत्पते 
अनुकम्पय माँ भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर.."
ॐ सूर्याय नमः | अर्ध्य समर्पयामि...!!
..सूर्यदेव के हजारो मंत्र है...आगे भी व्याख्या करूँगा ..किन्तु इस प्रचलित  लघु एवं अचूक मंत्र का  प्रभाव इतना है कि आपके माथे से गरम भाप निकल कर वातावरण में विलीन हो रही है...यह प्रभाव पहली बार से ही जलार्पण करने से होने लगता है..आप खुद महसूस करिएगा...!!!
आगे जो मंत्र का व्याख्यान कर रहा हूँ....अद्वितीय है ..मैंने खुद भी आजमाया है ग्रहों के दोष ..नेत्ररोग, त्वचा विकार रक्त विकार .स्त्री पुरुष के समस्त विकार,संतानहीनता ,दरिद्रता ,  भाग्योदय के लिए रामबाण है .आपका तेज...सूर्य के सामान चमकेगा ..त्वरित प्रभाव ..व इसका असर स्वयं देखें......



"आदि देवं नमस्तुभ्यं प्रसीदम मम भास्कर 
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकरम नमस्तुते ...१ 
सप्ताश्व  रथ मारूढ़ं प्रचंडं कश्यपात्मजम  
श्वेत पदम धरं  देवं तं सूर्यम प्रणाम्यहम ...२
लोहितं रथ मारूढ़ं सर्वलोक पितामहम 
महापापम हरम देवं तं सूर्यम  प्रणाम्यहम...३ 
त्रेगुणं च महाशुरं ब्रह्मा विष्णु महेश्वरम 
महापापम हरम देवं तं सूर्यम  प्रणाम्यहम....४
वृहतम तेजम पुन्जम वायुराकाश मेव च
प्रभु सर्वलोकानाम तं सूर्यम  प्रणाम्यहम.....५ 
बन्धुक पुष्प संकाश हार कुंडल भूषितं 
एक चक्रम धरं देव तं सूर्यम  प्रणाम्यहम....6
तं सूर्यम जगत कर्तारं महातेज प्रदीपनम
महापापम हरम देवं तं सूर्यम  प्रणाम्यहम. ...७
तं सूर्यम जगतं नाथं ज्ञान विज्ञानं मोक्षदम
महापापम हरम देवं तं सूर्यम  प्रणाम्यहम....८
फल प्राप्ति :
सुर्याष्टकम पठेनित्यं ग्रहपीडा प्रणाशनम
अपुत्रो लभते पुत्रं  दरिद्रो धनवान भवेत ..९
आमिषम धनु पानं च या करोतिर वरदने
सप्त जन्मं भवेदरोगी जन्म जन्म दरिद्रता.. .१०
स्त्री तैलं मधुमासा नित्यसत्यजेत्तु रविर्दने
न व्याधि शोक दारिद्र्यं सूर्यलोक सगच्छति ..११.

...आप सभी के लिए मंगल कामना....!!!
धन्यवाद्...!!!


  


















Sunday, May 8, 2011

ये कौन है .....???.....

मातृ दिवस की ....
बहुत बड़ी बड़ी बधाईयाँ सभी दीवारों पे.... आज शोभा बढ़ा रही हैं......बहुत अच्छा है....मातृ शक्ति को पूजिए ...अभिवादन कीजिये....!!
लेकिन मेरे भाई आपसे  ..और समाज के ठेकेदारों से एक विनती है ..इन आंकड़ों को देखिये और  खुद से पूछिए माँ है कौन...? वो जिसने हमें जन्म दिया ...?? या वो जो सबको जनम देती है...?

सब रंगीन पोस्टर लगा के जय हो ....और गुणगान कर रहे हैं....लेकिन यह भी सोचा जाये कि माँ ने अपने निर्माण में कितनी वेदना उठाती है.....आपका हमारा निर्माण तो वो मुस्कुराते हुए करा करती है..कोख को सहला के ..मुस्कुराती है....
 वो शक्ति, सहिष्णुता, सहृदयता, सरलता, सर्वग्राह्यता, सुन्दरता, सेवापरायनता, सचेतना, शुचि, शुभंकरी, शोभा है संसार की .......
पर......... २१वी सदी में भी माँ और माँ की बुनियाद  से जुडे कुछ कटु सत्य...
* हर २४  मिनट में एक लड़की के साथ छेड़-छाड़.....!!!!
* हर ३२  मिनट में किसी महिला बलात्कार की शिकार......!!!!
* हर ४1 मिनट में घर, कार्यालय, विद्यालय या अन्य किसी स्थान पर यौन-उत्पीडन.....!!!
* हर ९0 मिनट पर दहेज़ के लिए जला दी जाती है या मार दी जाती है....!!!
* हर ३ महिला में से १ महिला आज भी निरक्षर....!!!
* हर १० महिला में से कार्य सिर्फ ३ महिला को .....!!!
* विश्व स्तर पर बेरोजगारी की दर ६.९ जबकि पुरुषो की ४.३ ....!!!
* कन्या भ्रूण हत्या का प्रतिशत बढ़ते जा रहा है...!!!!


ये
 कौन है .....???.....इसमें किसी को माँ नहीं दिखती....??????

....उसकी उड़ान के पंख हजार,....उसकी मुट्ठी में आसमान,...... उस पर पर गर्व करने के कई अवसर...
.......निराशाओ के बावजूद एक आशा ..(जी  हाँ ......""आशा,""............ शब्द ही स्र्त्रिलिंग है...)
उसके  हौसले.. !!!!!
मातृ  दिवस की बधाइयाँ
...धन्यवाद्....!!!


....कौन पूछेगा हवाओं से सन्नाटों का सबब ?
शहर तो यू हीं हर रोज मरा करते हैं ,
कभी दीवारों मैं कान लगा कर तो सुनो
 कलम के हाथ भी स्याही से डरा करते हैं......!!!!







Thursday, May 5, 2011

महिमा: माता मंगल चण्डिके की

..साथियों मेरे जीवन  पे मेरे कुल पुरोहित श्री महादेव बहुगुणा जी
का गहरा असर है अब वे अस्वस्थ है..उनसे बहुत ज्ञान प्राप्त किया है.. ..दुनिया में बहुत लोग दुखी हैं..मन्त्रों में बड़ी शक्ति है अगर शुद्ध भाव आस्था एवं एकाग्रचित होकर मंत्रो चारण तो परम सफलता मिलती है बस धैर्य पूर्वक इस मन को जीवन को अनुष्ठान /उत्सव बना कर  किया जाये तो . बस माता का ध्यान जरुर करें ....//प्रणाम\\ मेरे परम गुरु ..... उन्ही के दिए ज्ञान के कुछ अंश .....
ध्यान: माता मंगल चण्डिके सुस्थिर यौवना है..ये सम्पूर्ण रूप गुण से मनो हरिणी हैं श्वेत चप्म्पा
के सामान इनका गौर वर्ण है तथा करोडो चंद्रमाओं के समान इनकी मनोहर कान्ति है ये अग्नि शुद्ध दिव्या वस्त्र धारण किये हुए रत्न अभूशानो से विभूषित  है मल्लिका पुष्पों से अलंकृत केश धारण करती हैं ..सुन्दर दन्त पंक्ति कमल के समान शोभाय मान  मुख वाली मंगल चंडिका के प्रसन्न चेहरे पर मंद मुस्कान की छटा छाई हुई है ...इनके दोनों नेत्र नील कमल के समान मनोहर हैं...सबका भरण पोषण करनेवाली ये देवी सबकुछ प्रदान करने में सर्वदा सक्षम हैं ..संसार रुपी घोर समुद्र में डूब रहे व्यक्तियों को उबरने के लिए जगदम्बा जहाज का काम  करती  हैं...!!

*** मंगल चंडिका के निम्न स्तोत्र के पाठ से करुणा मयी माँ शीघ्र प्रसन्न होती है "

"**रक्ष -रक्ष जगन्मातर्देवी मंगल चण्डिके , 
हरिके विपदा राशे हर्ष मंगल करिके
हर्ष मंगल दक्षे हर्ष मंगल चण्डिके,
शुभे  मंगल दक्षे च शुभ मंगल चण्डिके
मंगल मंगलार्हे च सर्व मंगल मांगल्ये ,
सताम मंगल दे देवी सर्वेषाम मंगलालये
पूज्य मंगलवारे च मंग्लाभीष्ट दैवते,
पूज्य मंगल भूपस्य मनु वंशस्य सततम
मंग्लाधिष्ठातृ देवि मंग्लानाम च मंगले , 
संसारे मंगला धारे मोक्ष मंगल  दायनी 
सारे च मंगला धारे पारे च सर्वकर्मणाम,
प्रति मंगल वारे च पूज्य च मंगल प्रदे ...***!!

भावार्थ : जगन्माता भगवती मंगल चण्डिके तुम सम्पूर्ण विपत्तियों का विध्वंस 
करने वाली हो ..एवं हर्ष तथा  मंगल प्रदान करने को हमेशा प्रस्तुत रहती हो...मेरी रक्षा करो ...रक्षा करो...खुले हाथ हर्ष एवं मंगल देने वाली हर्ष पड़ा मंगल चण्डिके तुम शुभा, मंगला दक्षा   , शुभ मंगल चण्डिका, मंगला ,मंग्लार्हा तथा सर्व मंगला कहलाती हो ,अच्छे लोगों का मंगल करना तुम्हारा स्वाभाविक गुण है ,तुम सबके लिए मंगल का आश्रय हो ..देवी तुम मंगल ग्रह की इष्ट देवी हो ...मंगलवार के दिन तुम्हारी पूजा होती है ...मनुवंश में उत्पन्न राजा मंगल की तुम पूजनीय देवी हो  ...मंगल की अधिष्ठात्री देवी तुम मंगलो के लिए भी मंगल हो ..जगत के समस्त मंगल तुम पर आश्रित हैं तुम सबको मोक्षमयी मंगल प्रदान करती हो ..मंगल वार के दिन सुपूजित होने पर मंगल मय सुख प्रदान करने वाली देवी .तुम संसार की सारभूत मंगल धारा तथा समस्त  कर्मो से परे हो......!!!

लाभ : मांगलिक ग्रह के समस्त दोष शांत होते हैं
    २. मंगली के लिए राम बाण  एवं प्रचंड रूप से लाभदायक है....
    ३.मंगलवार के दिन २१ बार पाठ करें ,
    ४. मंगलवार को नमक न  खाए
    5. रोटी और गुड लाल गाय को खिलाएं